सिंघा धुरवा

प्रस्तुतकर्ता Unknown बुधवार, 3 अप्रैल 2013 4 टिप्पणियाँ
बार-नवापारा के जंगल में कांसा पठार एवं रमिहा पठार के बीच में हटवारा पठार स्थित है। इस पठार को सिंघाधुरवा कहा जाता है। मान्यता है कि जंगल में स्थित पठार पर वन देवी चांदा दाई का वास है। यहाँ तक पहुंचने के दो रास्ते हैं। एक रास्ता ग्राम अवंरई होकर जाता है तथा दूसरे रास्ते से सघन वन से होकर नाले को 7 बार पार करने के पश्चात पहुंचा जाता है। इस पहाड़ी पर प्राचीन किले के अवशेष...

राजिम: आस्था का केन्द्र पाँचवा कुंभ

प्रस्तुतकर्ता Unknown बुधवार, 6 फ़रवरी 2013 2 टिप्पणियाँ
छत्तीसगढ़  की राजधानी रायपुर से दक्षिण दिशा में 45 किमी की दूरी पर चित्रोत्पला गंगा (महानदी), सोंढूर एवं पैरी नदी के संगम तीर पर स्थित राजिम नगरी का धार्मिक एवं पौराणिक महत्व सर्वविदित है। प्रत्येक माघ मास की पूर्णिमा से फ़ाल्गुन मास की शिवरात्रि अनादि काल से यहाँ मेले का आयोजन होता रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण होने के पश्चात मेले का विस्तार करने के दृष्टि से...

धरोहरों को नष्ट करते नादान

प्रस्तुतकर्ता Unknown मंगलवार, 29 जनवरी 2013 1 टिप्पणियाँ
प्रारंभ से पढे रामगढ से लौटते हुए कॉलेज के दिनों से ही प्रकृति का सामिप्य एवं सानिध्य पाने, प्राचीन धरोहरों को देखने और उसकी निर्माण तकनीक को समझने की जिज्ञासा मुझे शहर-शहर, प्रदेश-प्रदेश भटकाती रही। कहीं चमगादड़ों का बसेरा बनी प्राचीन ईमारतें, कहीं गुफ़ाएं, कंदराएं, कहीं उमड़ता-घुमड़ता ठाठें मारता समुद्र, कही घनघोर वन आकर्षित करते रहे। मेरा तन और मन दोनों प्रकृति के...
प्रारंभ से पढें रामगढ में लगे सरकारी स्टाल रामगढ छत्तीसगढ के एतिहासिक स्थलों में सबसे प्राचीन है, यह अम्बिकापुर से 50 किलोमीटर दूरी पर समुद्र तल से 3202 फ़ुट की ऊंचाई पर है। रामगढ की पहाड़ी पर स्थित प्राचीन मंदिर, भित्तिचित्रों एवं गुफ़ाओं से सम्पन्न होने के कारण इस स्थान पर प्राचीन भारतीय संस्कृति का परिचय मिलता है। यहाँ सात परकोटों के भग्नावेश हैं। रामगढ पहाड़ी पर...
प्रारंभ से पढें महेशपुर के मंदिरों के पुरावशेष देख कर जंगल के रास्ते से लौट रहे थे। तभी रास्ते में सड़क के किनारे हाथी दिखाई दिया। एक बारगी तो दिमाग की बत्ती जल गयी। सरगुजा के जंगलों में हाथी का दिखना और देखना दोनो ही खतरनाक होता है। छत्तीसगढ के रायगढ, कोरबा, जशपुर और सरगुजा के जंगलों में हाथियों के उत्पात से प्रतिवर्ष बहुत सी जाने जाती हैं और जंगलवासियों के घर तबाह हो...
प्रारंभ से पढें हमारी सुबह देर से हुई, बाकी साथी तैयार होकर चले गए और हम अलसाए पड़े थे। 11 बजे उदयपुर जनपद मुख्यालय में संगोष्ट्री प्रारंभ होनी थी, समय पर पहुंचना ही ठीक होता है। स्नानाबाद नाश्ता करने लिए बाहर जाना पड़ा क्योंकि आर्यन होटल में किचन नहीं है। रुम सर्विस का भी सत्यानाश है। थोड़ी देर में हमारी गाड़ी आ गयी। अनिल तिवारी और बाबु साहब के साथ हम रामगढ पहुचे।...

सुरगजा से सरगुजा

प्रस्तुतकर्ता Unknown 1 टिप्पणियाँ
सरगुजा छत्तीसगढ का एक जिला और सम्भाग है। सरगुजा जिला राजनैतिक सांस्कृतिक एवं धार्मिक गतिविधियों का आदिकाल से ही प्रमुख केन्द्र रहा है।  भारतीय कला के इतिहास में सरगुजा का विशेष महत्व है। सरगुजा के अंतर्गत रामगढ, लक्ष्मणगढ, महेशपुर, सतमहला, बेलसर, कोटगढ, डीपाडीह आदि में पुरातात्विक संपदा बिखरी पड़ी है। यहाँ शिल्पियों ने शिल्पकला का उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए अद्वितीय...
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